नई दिल्ली (जेएनएन)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने अपने ताजा फैसले में दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल कारों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सभी तरह के वाहनों में प्रेशर हॉर्न लगाने पर भी सख्ती से रोक लगा दी है।
एनजीटी ने10 साल पुरानी डीजल कारों पर रोक लगाते हुए परिवहन विभाग से तुरंत रजिस्ट्रेशन रद करने के लिए कहा है। हालांकि, हैवी डीजल वाहनों के संचालन पर कोई रोक नहीं लगी है, लेकिन यह राहत कुछ समय के लिए ही मिली है। सुनवाई के दौरान एनजीटी ने केंद्र सरकार की खिंचाई करते हुए सवाल किया कि उसने हाइब्रिड, इलेक्ट्रॉनिक कारों के लिए क्या पॉलिसी बनाई है।
ट्रकों को राहत
NGT के आज के आदेश में ट्रकों को राहत मिली है। हालांकि, प्रदूषण फैलाने वालेे कारकों में डीजल वाहन अधिक हैं और इनमें ट्रकों से ज्यादा धुंआ फैलता है।
एनजीटी के आदेश पर दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑरगनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने कहा कि दिल्ली के ट्रांसपोर्ट व व्यावसायिक वाहनोंं से जुड़े सभी लोगों पर दिल्ली सरकार के द्वारा सही पक्ष / तथ्य न रखे जाने के कारण यह फैसला आया है।
एक चौथाई प्रदूषण प्राइवेट कारों से
दिल्ली को प्रदूषित करने में कारों की हिस्सेदारी एक चौथाई है। दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रही करीब 23 लाख कारों से वायु प्रदूषण की हिस्सेदारी 22 फीसद है। लेकिन दिल्ली सरकार की प्रदूषण मुक्त दिल्ली के लिए बनाई गई नीति पर सबसे बड़ी गाज कार वाहनों पर पड़ी है।